कवच का उद्देश्य
यह कवच केवल सुरक्षा के लिए नहीं होता, बल्कि इसका मुख्य कार्य साधक की चेतना को उच्च स्तर पर उठाने और उसे साधना के दौरान आने वाली बाधाओं को दूर करने में सहायता करना होता है:
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ऊर्जा संवर्धन : यह कवच विशेष मंत्रों और यंत्रों से अभिमंत्रित होता है, जो साधक के शरीर में कुंडलिनी शक्ति को जागृत करने वाली ऊर्जा का संचार करता है।
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साधना में एकाग्रता : यह मन को भटकने से रोकता है और मंत्र जाप, ध्यान, और अन्य तांत्रिक क्रियाओं में गहरी एकाग्रता स्थापित करने में मदद करता है।
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शीघ्र फल प्राप्ति : ऐसा माना जाता है कि यह कवच मंत्र जाप के फल को कई गुना बढ़ा देता है, जिससे साधक को अपनी निर्धारित सिद्धि को प्राप्त करने में कम समय लगता है।
सिद्धियों की प्रकृति
तांत्रिक साधना में आठ प्रमुख सिद्धियाँ (अष्ट सिद्धि) और कई छोटी सिद्धियाँ (नव निधि और अन्य) बताई गई हैं। ये आध्यात्मिक उपलब्धियाँ हैं, न कि त्वरित जादू:
| प्रमुख सिद्धि (Ashta Siddhis) | विवरण ) |
| अणिमा (Anima) | अपने शरीर को अत्यंत सूक्ष्म (अणु के समान) बनाने की शक्ति। |
| महिमा (Mahima) | अपने शरीर को असीम रूप से बड़ा करने की शक्ति। |
| गरिमा (Garima) | अपने शरीर को असीम रूप से भारी बनाने की शक्ति। |
| लघिमा (Laghima) | अपने शरीर को अत्यंत हल्का बनाने की शक्ति (हवा में उड़ना)। |
| प्राप्ति (Prapti) | किसी भी स्थान पर पहुँचने या वांछित वस्तु प्राप्त करने की शक्ति। |
| प्राकाम्य (Prakamya) | अपनी इच्छाओं को पूरा करने की शक्ति। |
| ईशित्व (Ishitva) | प्रकृति और जीवों पर प्रभुत्व स्थापित करने की शक्ति। |
| वशित्व (Vashitva) | सभी तत्वों और प्राणियों को नियंत्रित करने की शक्ति। |